अमेठी की एक महिला है. उनका नाम गौतमी है. एक समय था जब वो बेरोजगार हुआ करती थी. लेकिन गौतमी के कई सपने थे. फिर उन्होंने ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक समूह ज्वाइन कर लिया. और फिर वहां से गौतमी की सफलता की कहानी शुरू हो गई.

उन्होंने अपने कम पैसों से रोजगार की शुरुआत किया था. लेकिन गौतमी आज एक सफल लघु उद्योगपति हो गई है. वो प्रतिदिन लगभग 2000 हजार से ऊपर रुपया कमा लेती है. लेकिन यह सफ़र इतना भी आसान नहीं था. कई वर्षो की मेहनत इसमें सम्मिलित है.

जिससे वह आज एक सफल महिला हैं। उन्होंने अपने समूह के साथ मिलकर मूंज के प्रोडक्ट बनाने का काम किया। इस काम से उन्होंने अपनी किस्मत में सुधार किया और अन्य महिलाओं को भी रोजगार प्रदान किया। उन्होंने अलग-अलग उत्पादों को बनाकर उन्हें अलग-अलग दामों में बेचा। गौतमी की इस कहानी से सबको यह सिखने को मिलता है कि समूह से जुड़कर अपनी किस्मत को बदला जा सकता है।

आज गौतमी के समूह में कई अन्य महिलाये काम करती है. वे सभी हाथ कई वस्तुओं का निर्माण करती है. सभी महिलाये मिलकर सिलाई कढ़ाई गुलदस्ता,  बैग, झूमर, झालर, पेन, बाक्स, रोटी के डिब्बे, कुर्सी इत्यादि सामान का निर्माण करती है. वे सभी अपने काम से काफी खुश है.

Rishav Roy, a journalist with four years of expertise, excels in content writing, news analysis, and cutting-edge ground reporting. His commitment to delivering accurate and compelling stories sets him...