आइए दोस्तों आज की इस खबर में हम बात करते हैं देश के होनहार बेटे के बारे में जिनके पिता उनके जन्म होने से पहले ही दुनिया से चल बसे थे और उनकी मां ने शराब बेच कर अपने घर का खर्च और अपने बच्चे को पढ़ाई कराई आज उसी मां के बेटे ने अपनी गरीबी घर के देखते हुए भी उन्होंने अपने पढ़ाई में खूब मेहनत की और आज वह देश के आईएएस अधिकारी बन गए.
आईएएस राजेंद्र भारुड़ के परिवार बहुत ही गरीबी स्थिति से झेल रहा था राजेंद्र भारूड़ ने अपनी मां कमलाबाई के गभ्र में ही पल रहे थे उसी समय उसके पिताजी बंधु भारुड की शराब अधिक पीने से उनकी मृत्यु हो गई तब इसका परिवार में घर चलाने के लिए कोई नहीं था.
तभी राजेंद्र भारुड के मां ने अपने तीन बेटे बेटियों को पेट भरने के लिए शराब बेचने का काम करती थी इसी से इसका घर का खर्चा भी होता था और उसी से अपने तीन बेटे बेटियों को पढ़ाई भी कराते थे राजेंद्र और उसकी बहन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्कूल परिषद स्कूल में की तथा इनके एक अन्य भाई को पढ़ाने के लिए एक स्थानीय आदिवासी विद्यालय में भेजा जाता था.
आईएएस राजेंद्र भारुड़ का जन्म 7 जनवरी 1988 के महाराष्ट्र के सकरी तालुका के एक गांव सामोदी के एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम स्वर्गीय बंधु भारुड़ एवं उनके माता का नाम कमलाबाई थी राजेंद्र बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थे.उन्होंने 10वीं और 12वीं वर्ग में टॉपर भी रहे इसके लिए इनको सरकार के तरफ से स्कॉलरशिप भी मिला और उसके बाद इन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने लगी.
और पहली बार में यूपीएससी क्लियर करने के बाद राजेंद्र साल 2012 में फरीदाबाद में वह आईआरएस अधिकारी के पद पर तैनात हुए थे लेकिन इससे इसको संतुष्ट नहीं हुआ और उन्होंने अपनी दूसरी प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा दी और आईएएस अधिकारी बन गए हैं/ अभी वह महाराष्ट्र के नंदूरबार का डिस्टिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है.