शुभम गुप्ता गरीब परिवार से आए हैं और उन्हें मिसाल के रूप में देखा जाता है। वे कभी जूते चप्पल बेचने का काम करते थे। शुभम ने मेहनत से अपनी किस्मत खुद लिखी और UPSC की परीक्षा पास की। वे अब महाराष्ट्र कैडर के IAS हैं।

शुभम का जन्म राजस्थान में हुआ और उनका बचपन वहां बिता। उनके पिता उन्हें आम बच्चों की तरह बड़ा किया। शुभम के बाल्यकाल में उनके पिता को आर्थिक समृद्धि में कमी थी। वे अपने पिता की मदद के लिए जूते-चप्पल की दुकान पर भी जाते थे। उनके परिवार में कई बार आर्थिक मुश्किलें आईं।

शुभम ने सातवीं कक्षा में पढ़ाई की। उनके परिवार को महाराष्ट्र आना पड़ा और वह जूते-चप्पल की दुकान डाली। उन्होंने रातोंरात अपने पिता की मदद करना शुरू किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और फिर एमए की पढ़ाई की। शुभम ने अपने चौथे प्रयास में UPSC की परीक्षा पास की। उनकी मेहनत और लगन का परिणाम है कि वे आज देश के IAS अधिकारी हैं।

उन्होंने अपनी कठिनाईयों का सामना करके सफलता प्राप्त की। शुभम गुप्ता एक बड़े प्रेरणास्रोत हैं और युवाओं के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उनकी कहानी से हमें मिलता है कि मेहनत का सिलसिला कभी नहीं थमता। उनका संघर्ष और परिश्रम हमें सिद्ध करता है कि हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। शुभम की कहानी हमें यह सिखाती है कि चाहे जितना भी मुश्किल हो, आगे बढ़ना संभव है।

Rishav Roy, a journalist with four years of expertise, excels in content writing, news analysis, and cutting-edge ground reporting. His commitment to delivering accurate and compelling stories sets him...