कलेक्टर तो बहुत देखे है, लेकिन अवि प्रसाद जैसा कलेक्टर आज आज तक नहीं देखे हैं. अवि प्रसाद ने अपने काम से सभी का दिल जीत लिया है. कहा जाता है की बच्चे भगवान का रूप होते है. अवि प्रसाद ने जो बच्चो के लिए किया है वो किसी तीर्थ के कम नहीं है. अवि प्रसाद अभी मध्य प्रदेश के कटनी जिले के कलेक्टर है.
एक दिन ऐसा हुआ की कलेक्टर साहब एक गांव में आंगनबाड़ी में दौड़े पर थे. वहां उन्होंने देखा की एक माँ अपनी बेटी साक्षी को गोद में लेकर बैठी हुई है. साक्षी एक वर्ष की थी. वो काफी कमजोर दिख रही थी. ऐसा लग रहा था साक्षी को किसी ने कई दिनों से खाना न दूध नहीं दिया है. जब अवि प्रसाद की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने पूछा उनको क्या हुआ है.
साक्षी की माँ ने कहा ये कुपोषण की शिकार हो गई है. यह सुनते ही अवि प्रसाद का दिल दहल गया, उन्होंने सोचा इस जिले के कलेक्टर होने के नाते यह हमारा फर्ज है की जिले में कुपोषित बच्चो के लिए कोई मुहीम चलाई जाये. फिर उन्होंने पुरे जिले के सभी दौलत मंद और अमीर लोगो से आग्रह किया की वो किसी कुपोषित बच्चो को गोद ले.
ये मुहीम कारगर साबित हुआ. अब मध्य प्रदेश के आज कटनी जिले में कुपोषण के मामले 30 फीसदी तक कम हो चुके हैं। यह अवि प्रसाद की निरंतर प्रयासों का परिणाम है। आईएएस अधिकारी अवि ने बच्चों के कुपोषण के खिलाफ एक जंग छेड़ रखी है. ऐसे IAS ऑफिसर को हम पुरे दिल से सलाम करते है.