अगर ऊपर वाला आपसे कुछ छीन रहा है तो आप समझ लेना की कोई अन्य खूबी आपके अन्दर पनप जाती है. ये प्राकृतिक है ये अपने आप आ जाती है. बस आपको वो खूबियों को पहचानना होता है. और उसे हवा देनी होती है. आज की कहानी ऐसी एक युवती की है जिसका एक हादसा में एक हाथ चला गया.
इस मेहनती युवती का नाम अखिला बीएस है. उन्होंने अपना दहिया हाथ ही खो दिया. लेकिन इस बात को वो अपने सपने के आड़े नहीं आने दिया. और जो जीवन में बनना चाहती थी वो बनकर दिखाई. उन्होंने ने UPSC की तयारी 2019 में शुरू की थी. महज एक ही वर्ष हुए थे की उनके साथ ये हादसा हो गया.
उन्होंने 2022 में 760वीं रैंक के साथ आईएएस बन गईं। अखिला बीएस बताती है की उनका परिवार ने उनका बहुत सपोर्ट किया. अखिला ने चुनौतियों का मुकाबला किया और सपनों को पूरा किया।
यूपीएससी परीक्षा कठिन होती है। आईएएस अखिला बीएस के पिता के पूर्व प्रिंसिपल हैं। वह एक दुर्घटना में अपना हाथ खो दिया, फिर भी पास हुई। 11 सितंबर 2000 को उन्हें बस दुर्घटना में घायल हुआ। उन्होंने 2022 में 760वीं रैंक के साथ आईएएस बन गईं। परिवार ने सपोर्ट किया। अखिला की पढ़ाई में वह काफी होशियार थीं।
अखिला आईआईटी मद्रास से इंटीग्रेटेड एमए की डिग्री हासिल की थी. दाहिना हाथ चले जाने के बाद वो दुसरे हाथ से लिखना शुर कर दिया. शुरू में तो काफी कष्ट हुआ. वो तो लगभग हार मान ही चुकी थी. दुसरे हाथ से लिखने की प्रैक्टिस करना बहुत मुश्किल था. धीरे-धीरे वक्त बदला वो परिपक्व होती गई. पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स पास की, मेन्स नहीं कर पाईं। 2022 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की और 760वीं रैंक लाकर IAS बनी.