हिमांशु की कहानी दिल को छू लेने वाली है। वे एक गरीब परिवार से हैं। पिता चाय बेचते हैं, मगर हिमांशु ने अपनी किस्मत खुद लिखी। उन्होंने बच्चों को ट्यूशन दी, ब्लॉग लिखा और पैसे इकट्ठा किए। हिमांशु ग्रेजुएट और यूनिवर्सिटी के टॉपर बने। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। वे पिता के सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित हुए।

हिमांशु को स्कूल जाने के लिए दूर जाना पड़ता था। वे अपने पढ़ाई का खर्च भी उठाते थे। अपने प्रयासों में वे आईएएस अधिकारी बनने के लिए नाकाम नहीं हुए। हिमांशु ने कभी हार नहीं मानी। अंतत: 2020 में उन्होंने आईएएस का चयन प्राप्त किया। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें समाज के लिए मिसाल बना दिया।

हिमांशु ने अपने परिवार की सारी जिम्मेदारियों का सामना किया। उन्होंने पढ़ाई के लिए अपनी मेहनत से पैसे इकट्ठा किए। हिमांशु ने समाज के अनुसार नहीं, अपने सपनों के अनुसार जीवन जिया। उनकी कहानी ने बताया कि किसी का भी सपना साकार किया जा सकता है। हिमांशु की मेहनत और लगन ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। वे अपने परिवार के लिए गर्व का स्रोत बने।

हिमांशु ने समाज के उत्थान के लिए अपना योगदान दिया। उन्होंने अपने लक्ष्य की दिशा में अड़ंगा साहस दिखाया। उनकी कहानी बताती है कि कठिनाईयों के बावजूद सपनों को पूरा किया जा सकता है। हिमांशु ने अपनी मातृभूमि का नाम रोशन किया। उनकी कहानी सभी को प्रेरित करती है कि अपने सपनों के पीछे लगे रहें।

Rishav Roy, a journalist with four years of expertise, excels in content writing, news analysis, and cutting-edge ground reporting. His commitment to delivering accurate and compelling stories sets him...