दिल्ली में अगले साल सड़कों पर उतरेंगी 8,280 इलेक्ट्रिक बसें, दिल्ली की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता
दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या वैसी ही है जैसी बड़े शहरों में आमतौर पर होती है. दिल्ली एनसीआर में ट्राफिक जाम की सबसे बड़ी कारण है अत्यधिक निजी वाहन का होना. क्योकि दिल्ल्ली में DTC बस में इतनी भीड़ होती है की लोग अपने वाहन से जाना ही पसंद करते है. लेकिन अगर बस की सर्विस बढ़ा दी जाये तो धीरे-धीरे बसों में भीड़ कम होगी और लोग निजी वाहन को छोड़कर बसों से जाना पसंद करेंगे. इसीलिए दिल्ली के DTC के बेड़े में अब बसों की संख्या पर जोर दिया जा रह है.
जानकारी मिल रही है की अगले साल के दिसम्बर तक दिल्ली की सड़कों पर 8,280 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने के लिए आ जाएगी. ये सभी बस इलेक्ट्रिक बस होंगी. आपको बता दें की वर्तमान में पुरे देश में दिल्ली ही एक मात्र शहर है जाना 25 प्रतिशत बस इलेक्ट्रिक है. वहीँ यह दुनिया का दूसरा देश है जाना सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बस चलती है. आइये इस बारे में कुछ रिपोर्ट देखते है.
इलेक्ट्रिक बस के आधार पर ये दुनिया की दो सबसे बेहतरीन शहर है;
सैंटियागो, चिली: 2,267 इलेक्ट्रिक बसें
दिल्ली, भारत: 1,970 इलेक्ट्रिक बसें
जैसे ही 8,280 इलेक्ट्रिक बसें DTC के बेड़े में जुड़ेंगे वैसे ही दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बस वाला शहर बन जायेगी.
यह इलेक्ट्रिक बस सिर्फ ट्रैफिक जाम से छुटकारा ही नहीं बल्कि पर्यावरण में प्रदुषण के प्रभाव को भी कम करेगा. इलेक्ट्रिक बसों के इस बेड़े के साथ दिल्ली प्रदूषण को कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. दिल्ली का यह प्रयास राजधानी को एक स्वच्छ और हरित शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. 8,280 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन इस योजना की सफलता का एक बड़ा संकेत है. इस पहल से प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों को बेहतर आधुनिक परिवहन सेवाओं का भी लाभ मिलेगा.