दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है. जी हां दोस्तों दिल्ली की प्रदुषण अब सब लोगो के लिए सिरदर्द बन चूका है. ये सिर्फ इस वर्ष की बात नहीं है बल्कि यह कई वर्षो से चला आ रहा है. जैसे ही नवम्बर का महिना आता है दिल्ली में प्रदुषण का लेवल ऊपर चला जाता है. वैसे तो प्रदुषण के निपटने केलिए कई उपाय किये जा रहे है लेकिन अब स्थिति और भी ख़राब होने के आसार है. हवा की गिरती गुणवत्ता और बढ़ते स्मॉग ने सरकार और अधिकारियों को जल्द से जल्द कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में प्रदूषण से निपटने के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ जैसे समाधान पर विचार किया जा रहा है. अगर दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर लागु कर दिया जाता है तो यक़ीनन दिल्ली में प्रदुषण की मात्रा कम हो सकती है. सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम हो सकती है.
वर्क फ्रॉम होम का प्रस्ताव
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए संबंधित अधिकारियों ने इस स्थिति से निपटने के लिए कई उपायों पर विचार किया है. इनमें वर्क फ्रॉम होम का प्रस्ताव भी शामिल है. अगर यह योजना लागू होती है, तो सरकारी और निजी कार्यालयों को निर्देश दिया जा सकता है कि वह अपने कर्मचारियों को कुछ दिनों तक घर से काम करने की अनुमति दें. ऐसा करने से रोड पर वाहनों की संख्या कम होगी और AIQ का लेवल निचे आ सकता है. वर्तमान में तो दिल्ली में प्रदुषण को लेकर हालत गंभीर बनी हुई है.
दिल्ली में वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए 21 फोकस पॉइंट पहले ही जारी किए हैं. इनमें निर्माण कार्यों पर निगरानी, वाहनों के उत्सर्जन को नियंत्रित करना, सड़कों पर पानी का छिड़काव और अन्य कई महत्वपूर्ण उपाय शामिल हैं. इन सभी प्रयासों को सफल बनाने के लिए व्यापक रणनीतियाँ बनाई हैं. यदि दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम लागू किया जाता है तो ट्रैफिक में कमी आएगी जिससे वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन में कमी होगी. साथ ही पेट्रोल-डीजल के कम इस्तेमाल से प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा.