नई दिल्ली: जल्द ही दिल्ली मेट्रो सेंट्रल विस्टा तक जाएगी। इसके लिए येलो लाइन के सेंट्रल दिल्ली सचिवालय से लूप लाइन का निर्माण किया जाएगा। इसे देखते हुए सोमवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। डीएमआरसी के निदेशक प्रमीत कुमार गर्ग और सीपीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त निदेशक के पीएस चौहान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस बैठक के दौरान डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह भी मौजूद थे। दिल्ली में लूप लाइन के निर्माण के लिए डीएमआरसी जल्द ही डीपीआर तैयार करेगी। इस लूप लाइन का पूरा डिजाइन तैयार होने के बाद दोनों विभाग मिलकर इसका निर्माण करेंगे। डीएमआरसी का कहना है कि दिल्ली मेट्रो की इस लूप लाइन को सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत बनाया जाएगा।
इसकी मदद से नए केंद्रीय सचिवालय की इमारतों को येलो लाइन के दिल्ली मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इसलिए दिल्ली में यह लूप लाइन मौजूदा येलो लाइन के केंद्रीय सचिवालय स्टेशन से जुड़ेगी। दिल्ली में चार स्टेशनों के साथ इसकी लंबाई तीन किलोमीटर होगी, जो केंद्रीय सचिवालय की इमारतों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगी। यह मेट्रो की पहली लूप लाइन होगी जो सरकारी भवनों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने के लिए बनाई जाएगी। इससे दिल्ली में मेट्रो के जरिए कार्यालय जाने वाले केंद्रीय सचिवालय के कर्मचारियों की आवाजाही में आसानी होगी।
व्यस्त समय में दिल्ली में लूप लाइन मेट्रो में प्रति घंटे 20 हजार यात्री कर सकेंगे सफर
डीएमआरसी का कहना है कि वह दिल्ली में इस लूप लाइन का डिजाइन तैयार करने के लिए एक सलाहकार भी नियुक्त करेगी। दिल्ली मेट्रो की यह लूप लाइन अंडरग्राउंड होगी। इसलिए चारों स्टेशनों को भी अंडरग्राउंड किया जाएगा। सीपीडब्ल्यूडी इस लूप लाइन की सुरंगों, स्टेशनों आदि जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगा। वहीं, डीएमआरसी को मेट्रो ट्रैक की फिनिशिंग, ट्रेन कंट्रोल, सिग्नल सिस्टम, ओएसई (ओवर हेड इक्विपमेंट) आदि का काम मिलेगा। मेट्रो ट्रेनों की व्यवस्था, रखरखाव और संचालन से जुड़े काम डीएमआरसी संभालेंगे। इस लूप लाइन का निर्माण पूरा होने के बाद मेट्रो संचालन शुरू होने पर सुबह-शाम प्रति घंटे 20 हजार यात्री यात्रा कर सकेंगे।
फिलहाल डीएमआरसी राजधानी दिल्ली के 391 किलोमीटर के नेटवर्क पर दिल्ली मेट्रो का संचालन करती है। दिल्ली में कुल 286 मेट्रो स्टेशन हैं। जिसमें नोएडा मेट्रो और गुरुग्राम की रैपिड मेट्रो भी शामिल है। फिलहाल डीएमआरसी चौथे चरण में दिल्ली में तीन नए कॉरिडोर का निर्माण कर रही है। जिसकी कुल लंबाई करीब 65 किलोमीटर होगी। इसके अलावा चौथे चरण में तीन अन्य कॉरिडोर भी प्रस्तावित हैं। इसलिए चौथे चरण में करीब छह मेट्रो कॉरिडोर बनाए जाने हैं, जिनकी कुल लंबाई करीब 104 किलोमीटर होगी। इसलिए चौथे चरण के सभी कॉरिडोर और लूप लाइन का निर्माण पूरा होने के बाद मेट्रो नेटवर्क बढ़कर 498 किमी हो जाएगा।
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