blank 3hrrh

दिल्ली में बढ़ते बंदरों के आतंक से घबराई हुई है पूरी दिल्ली . अब बंदरों का कहर दिल्ली मेट्रो तक पहुंच चुका है। दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों पर बंदरों की टोली को देखा गया है। और अब तो वह मेट्रो के कोचों में भी घुस जाते हैं . जिससे दिल्ली मेट्रो के यात्री डर के भाग जाते हैं। या तो जान बचाने के लिए चुपचाप बैठ जाते हैं . और बंदरों की वजह से मेट्रो की संपत्तियों का नुकसान होने का भी डर रहता है। इस वजह से डीएमआरसी भी परेशान है और इस पर रोक लगाने के लिए कदम उठा रही है।

मिली जानकारी से पता चला है यह बन्दर ज्यादातर उन्ही मेट्रो स्टेशन पर देखे गए हैं जहां ज्यादा पेड़ होते हैं या जहां पहाड़ हैं। इसमें रेड लाइन पे कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन और तीस हजारी मेट्रो स्टेशन है। येलो लाइन पर छतरपुर मेट्रो स्टेशन से हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन है। ब्लू लाइन के यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन और अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन से मयूर विहार मेट्रो स्टेशन और नोएडा मेट्रो स्टेशन है। मजेंटा लाइन पर ओखला बर्ड सेंचुरी मेट्रो स्टेशन से कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन के बीच और पिंक लाइन पर मयूर विहार मेट्रो स्टेशन से कर्करदूमा मेट्रो स्टेशन के बीच कई मेट्रो स्टेशन शामिल हैं

कई बार यात्री अपना बचा खुचा खाना पंछियों के लिए स्टेशन पर ही छोड़ देते हैं , जिस के लालच में बंदर आकर डस्टबिन तक छान मारते हैं, इसीलिए डीएमआरसी ने मेट्रो और मेट्रो स्टेशन पर खाने पीने के लिए सख्त मना कर दिया है और डस्टबिन की भी जगह बदल दी गई है। सफाई कर्मियों को भी लगातार डस्टबिन को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।

डीएमआरसी ने बंदरों को लेकर बनाए कुछ नए नियम

  • स्टेशनों पर साइन आज लगाए हैं और बंदरों या पक्षियों के लिए खाने पीने का सामान प्लेटफार्म या स्टेशन परिसर में ना डालें।
  • बंदर दिखाई दे तो उसे पास बुलाए ने या चिकने चिल्लाने के बजाय चुपचाप उसकी तरफ देखे बिना निकल जाएं।
  • बंदरों को मारने या डराने की कोशिश ना करें खतरा लगे तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।
  • जिस स्टेशनों पर बंदर ज्यादा आते हैं वहां प्राइवेट सिक्योरिटी स्टाफ से कहा गया है कि वह अपने हाथ में एक डंडा रखें और उसे जमीन पर पटक कर बंदरों को भगाने की कोशिश करें बंदरों को डंडे से चोट ना पहुंचाएं
  • स्टेशन कंट्रोलर से कहा गया है कि अगर बंदर अखियां अन्य जानवर समस्या पैदा करें तो वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट से मदद लें।
  • डीएमआरसी ने ऐसे लोगों को हायर किया था जो लंगूर जैसी आवाज निकाले निकालते हैं कुछ ऐसी डिवाइस पी लगाई है इनकी आवाज बंदर से बंदर पास नहीं आते हैं
  • अगर बंदर किसी पर हमला कर देता है या काट लेता है तो घायल को तुरंत स्टेशन पर ही फर्स्ट एड देकर अस्पताल भेजने के निर्देश स्टेशन कंट्रोलर ओं को दिए गए हैं
  • ट्रेन ऑपरेटर से कहा गया है कि बंदर ट्रेन के अंदर आ जाता है तो ट्रेन को तब तक ना चलाएं जब तक कि स्टाफ उन्हें ट्रेन से बाहर ना कर दें।
  • अगर ट्रेन चलने के बाद ट्रेन के अंदर बंदर होने की सूचना मिलती है तो अनाउंसमेंट करके यात्रियों को शांत रहने की अपील करें और अगले स्टेशन पर ट्रेन रोककर बंदर को बाहर निकाले
  • बंदर बाहर ना निकले तो यात्रियों को दूसरे कोच में भेज कर वहां से उन्हें ट्रेन से बाहर निकालने के लिए कहें और उसके बाद ट्रेन को डिपो में ले जाएं। डीएमआरसी में सभी स्टेशनों कंट्रोलर को वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के अलावा एनडीएमसी एमसीडी और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के नंबर भी मुहैया करवाएं हैं जो इस तरह की समस्याओं से निपटने का काम करती है.