दोस्तों दिल्ली मेट्रो जिसे राष्ट्रीय दिल्ली की लाइफलाइन माना जाता है. अब एक नई तकनीक के साथ सामने आ रही है. बता दे कि हाल ही में Phase-4 के अंतर्गत तीन नए मेट्रो कॉरिडोर के लिए आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में निर्मित पहली ड्राइवर रहित ट्रेन दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को सौंप दी गई है. यह ट्रेन अब सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी है. और इसके आने से मेट्रो सेवाओं में एक नया अध्याय शुरू होगा. आइये जानते है इसके बार में…
DMRC ने नवंबर 2022 में इन तीनों कॉरिडोर के लिए 52 मेट्रो ट्रेनों का ऑर्डर दिया था. जिसमें प्रत्येक ट्रेन में छह कोच होंगे. इनका निर्माण Make In India के तहत फरवरी 2023 में शुरू हुआ. नई ट्रेनों की अधिकतम गति 95 किलोमीटर प्रति घंटा और न्यूनतम गति 85 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.
Phase-4 में लगभग 65 किलोमीटर लंबे नेटवर्क के तहत तीन कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. इनमें जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम, मौजपुर-मजलिस पार्क और तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर शामिल हैं. जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर मौजूदा मजेंटा लाइन का विस्तार है. जबकि मौजपुर-मजलिस पार्क पिंक लाइन का हिस्सा है. तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर को गोल्डन लाइन के रूप में पहचाना जाएगा.
DMRC के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने पहली ट्रेन की चाभी मिलने पर इसे Phase-4 की मेट्रो परियोजना के लिए खास बताया. उन्होंने बताया कि अक्टूबर में पहली ट्रेन के सभी छह कोच दिल्ली के पिंक लाइन डिपो में पहुंचेंगे. वहां इन सभी को जोड़ा जाएगा. और ट्रायल किया जाएगा. इसके बाद अन्य नई ट्रेनें भी दिल्ली पहुंचेंगी.