New Delhi: एनसीआरटीसी भारत का पहला रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम बनना रहा है, जो एक उच्च गति वाली क्षेत्रीय यात्री परिवहन रेल प्रणाली है। इस तरह की पहली ट्रेन सराय काले खां-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर चलेगी। आधुनिक सुविधाओं वाली इस ट्रेन को गुजरात के सांवली स्थित एल्सटॉम के प्लांट में एनसीआरटीसी को देदिय गया है। एल्सटॉम इंडिया ने ट्रेन की चाबियां एनसीआरटीसी को देदी हैं। इस मौके पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी भी मौजूद थे।
इस मौके पर आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि नए युग का यह ट्रांजिट सिस्टम तेजी से हो रहे शहरीकरण के प्रबंधन में भी मददगार साबित होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस परियोजना का पहला चरण अपने दिए गए समय पर शुरू होगा। जोशी ने कहा कि यह प्रशंसनीय बात है कि सभी मेट्रो और आरआरटीएस ट्रेनों को आयात करने के बजाय भारत में बनाया जाता है। दिल्ली-मेरठ के बीच किराए के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन यात्रियों की सुविधा और राजस्व को ध्यान में रखते हुए किराया जल्द तय किया जाएगा।
NCRTC के अधिकारियों ने कहा कि ये भारत की सबसे तेज ट्रेनें होंगी और इन्हें इस तरह से बनाया गया है कि इनकी अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटे, परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटे और औसत गति 100 किमी प्रति घंटे होगी। रिपोर्ट के अनुसार, RRTS के तहत पहला 17 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर 2023 तक चालू होने की संभावना है और पूरे कॉरिडोर के 2025 तक परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।