आने वाले 5 वर्षो में रेलवे पूरी तरह से बदल जायेगा. जहाँ एक तरफ दिल्ली एनसीआर में रैपिड रेल की शुरुआत हो चुकी है. वहीँ दूसरी तरफ देश के लगभग 9 रूट पर बुलेट ट्रेन परियोजना का भी शुरुआत कर दिया गया है. सामान्य ट्रेन में वन्दे भारत और अमृत भारत ट्रेनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. भारत की परिवहन प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से दिल्ली से लखनऊ के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना प्रस्तावित की गई है. यह अत्याधुनिक हाई-स्पीड रेल परियोजना लगभग ₹171,000 करोड़ की लागत से पूरी की जाएगी.
आमतौर पर दिल्ली से लखनऊ अभी ट्रेन से जाने में कुल 10 से 12 घंटे का समय लगता है. लेकिन दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन के परिचालन से दिल्ली से लखनऊ पहुचने में मात्र 1.5 घंटे का समय लगेगा. यह बुलेट ट्रेन रेल रूट दिल्ली से वाराणसी बुलेट ट्रेन का हिस्सा है. इस बुलेट ट्रेन रेल रूट की लाइन की कुल लंबाई 958 किलोमीटर है. जिसके रस्ते में लखनऊ का स्टॉपेज है.
इस रेल रूट में एलिवेटेड और अंडरग्राउंड दोनों तरफ से ट्रेन चलेगी. दिल्ली से लखनऊ जाने वाली बुलेट ट्रेन की ऑपरेटिंग गति 350 किमी/घंटा होगी. जो मात्र 1.5 घंटे में दिल्ली से लखनऊ पंहुचा देगी. आइये जानते है इस रूट के स्टेशन के बारे में :
इस बुलेट ट्रेन के मार्ग में कई प्रमुख स्टेशन होंगे, जो इस प्रकार हैं:
- सराय काले खां
- दिल्ली
- उत्तर प्रदेश बॉर्डर
- नोएडा
- जेवर एयरपोर्ट
- मथुरा
- आगरा
- न्यू इटावा
- कानपुर
- लखनऊ
दिल्ली-लखनऊ बुलेट ट्रेन दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का हिस्सा है. जो भारत का दूसरा हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट है. पहला बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलाया जायेगा. यह परियोजना मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के बाद प्रस्तावित की गई है. दिल्ली से वाराणसी के बीच 958 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर केवल प्रमुख शहरों को जोड़ेगा.
इस परियोजना का उद्घाटन 2031 तक करने की योजना है. इसके संचालन से दिल्ली और लखनऊ के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा इस परियोजना से क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा.