दिल्ली: नोएडा, ओखला, द्वारका और जी.बी. रोड के नाम के फुल फॉर्म

दिल्ली एनसीआर आप रहते है लेकिन कई ऐसे जगह है जिनका नाम आप डेली सुनते है लेकिन उसके बारे में काफी जानकारी नहीं होगी. दरअसल आज हम कुछ दिल्ली एनसीआर फेमस जगह के फुल फॉर्म की चर्चा करने वाले है. आपको बता दें की दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में कई जगहों के नामों के पीछे रोचक और ऐतिहासिक कारण छिपे हैं. इनमें से कुछ जगहों के नाम का फुल फॉर्म भी है जो कम लोग जानते हैं. आइए, जानते हैं नोएडा, ओखला, द्वारका, NCR और जी.बी. रोड के नाम के फुल फॉर्म और उनके पीछे का इतिहास.

1. नोएडा (NOIDA)

नोएडा का फुल फॉर्म है “New Okhla Industrial Development Authority” (नई ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण). नोएडा की स्थापना दिल्ली के पास एक योजनाबद्ध औद्योगिक और आवासीय क्षेत्र के रूप में की गई थी. दिल्ली के आसपास के लोगो को औद्योगिक और आवासीय विकास को बढ़ावा देने के लिए यह शहर 1976 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित किया गया था. आज यह एक प्रमुख आईटी और व्यावसायिक हब के रूप में विकसित हो चुका है. आज के डेट में नोएडा में कई बड़ी कंपनियां और ऑफिस हैं साथ ही हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं.

2. ओखला (Okhla)

दुसरे नंबर पर आता है ओखला का फुल फॉर्म है “Old Canal Housing and Land Authority” (पुरानी नहर आवास और भूमि प्राधिकरण). दक्षिणी दिल्ली में स्थित ओखला एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है. जहां कई कारखाने और उद्योग हैं जो बहुत से लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं. यहां पुराने और नए दोनों प्रकार के आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों का मिश्रण है. ओखला औद्योगिक क्षेत्र का विकास इस क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए किया गया था

3. द्वारका (Dwarka)

द्वारका का नामकरण महाभारत के काल में श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका के नाम पर किया गया है. यह दिल्ली का एक योजनाबद्ध क्षेत्र है और भारत के सबसे बड़े आवासीय क्षेत्रों में से एक है. द्वारका को बड़े पैमाने पर आवासीय और व्यावसायिक विकास के साथ-साथ शहरी योजनाबद्धता का प्रतीक माना जाता है. इस क्षेत्र में कई शैक्षणिक संस्थान, शॉपिंग मॉल और अन्य आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.

4. जी.बी. रोड (G.B. Road)

जी.बी. रोड का पूरा नाम “Garstin Bastion Road” है. इस सड़क का नाम ब्रिटिश काल के अधिकारी जेम्स गार्स्टिन के नाम पर रखा गया था. हालांकि, आज यह क्षेत्र मुख्यतः दिल्ली के रेड लाइट एरिया के रूप में जाना जाता है. ऐतिहासिक दृष्टि से यह स्थान व्यापार और आवासीय गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण था परंतु समय के साथ इसका स्वरूप बदल गया.