हम जिस जगह के बारे में आज आपको बताने वाले है यह जगह आज से कुछ सालों पहले सराय के जैसे था लोग यहाँ पर आते थे बैठते थे आराम करते थे और तब आगे के लिए यात्रा करते थे. लेकिन अब यह जगह महज कुछ ही समय बाद ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा हब आपको बनते हुए दिखेगा.

इस जगह से देश के अलग-अलग कोने में बड़े जगहों के लिए ट्रेन के साथ-साथ बस एवं दिल्‍ली की लाइफ लाइन मेट्रो और सबसे अहम एवं खास बात देश की पहली रैपिड रेल का यह पहला स्टेशन भी होने वाला है. कुलमिलाकर अगर समझे तो इसी जगह से रेल और रेपिडो दोनों चीजें चलेगी.

दरअसल हम बात आकर रहे है सराय काले खां की यह स्थान आपको बहुत जल्द राजधानी का प्रमुख ट्रांसपोर्ट हब बनते हुए देखने को मिलेगा. क्‍योंकि दिल्‍ली से मेरठ तक दौड़ने वाली रैपिड रेल यहीं से शुरू होगी. और इन सभी चीजें के अलावा रेलवे स्‍टेशन से मध्‍य प्रदेश, गुजरात और दक्षिण भारत के लिए ट्रेनें यहीं से चलती हैं.

साथ ही दोस्तों सराय का इतिहास काफी पुराना है सराय का नाम सूफी संत काले खान के नाम पर रखा गया है.ये संत 14वीं -शताब्‍दी में शेरशाह सूरी के शासनकाल में थे. जो की यह चांदनी चौक से करीब 32 किमी. दूर महारौली तक जाने आने के लिए यह स्‍थान शाही मार्ग पर था.

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