अवस्था और परिस्थितियों का ध्यान देते हुए, एक व्यक्ति की सफलता में उसके लक्ष्य और मेहनत की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। लक्ष्य रहित व्यक्ति, चाहे वह कितना ही धनवान परिवार से हो, अपने प्रयासों से कुछ भी हासिल नहीं कर सकता। उत्तर प्रदेश के छोटे गाँव चित्रकूट से निकली एक कहानी है, जो इस सत्य को पुनः साबित करती है कि मेहनती और लक्ष्यवान व्यक्ति किसी भी अवस्था में सफलता प्राप्त कर सकता है।
बृजेश त्रिपाठी, जिनके पास अपने बचपन से ही एक स्वप्न था, उन्होंने अपने उत्साह और मेहनत से अपने सपनों को साकार किया। उन्होंने अपने व्यवसाय में मसालों के साथ-साथ आचार, अगरबत्ती, चाय पत्ती आदि के प्रोडक्ट तैयार किए। इन प्रोडक्ट्स को मिलाकर 60 से 70 प्रोडक्ट बन रहे हैं और ये सभी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार जैसे राज्यों में बेचे जा रहे हैं। उन्होंने अपने व्यापार को बढ़ाते हुए कई लोगों को रोजगार भी दिया है।
बृजेश त्रिपाठी का यह सफर दिखाता है कि जहां संघर्ष हो, वहां संभावनाएं भी होती हैं। वह अपने उत्साह और मेहनत से न सिर्फ अपने व्यवसाय को सफल बनाया, बल्कि उन्होंने कई लोगों को रोजगार का अवसर भी प्रदान किया। उनकी कहानी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रेरित करती है कि वे भी स्वप्नों को पूरा कर सकते हैं।
बृजेश त्रिपाठी का सफर दिखाता है कि जब किसी को अपने लक्ष्य के प्रति विश्वास हो और उसे मेहनत करने का संकल्प हो, तो उसे कोई भी मुश्किल आसानी से नहीं रोक सकती। वह अपने उत्साह, धैर्य और लगन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। उनकी यह कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए सिर्फ पैसे ही नहीं, बल्कि मेहनत, उत्साह और संघर्ष की भी आवश्यकता होती है।