माया चौहान को मशरूम की खेती का आईडिया यूट्यूब से आया था. जी हाँ दोस्तों ! यूट्यूब पर मनोरंजन नहीं होता वहां से आप कुछ भी सिख सकते है. यूट्यूब अभी के ज़माने में सिखने वालों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. लगभग सारी किस्म की जानकारी यूट्यूब पर उपलब्ध है.
माया चौहान दोहरीघाट विकासखंड के बुढ़ावर गांव की रहने वाली है. उन्हें मशरूम के खेती में अपार सफलता मिली है. माया चौहान के पति भी उनके काम में हाथ बढ़ाते है. माया चौहान महिला किसान, महिला सशक्तिकरण का नमूना पेश कर रही है।
माया चौहान ने 25 लाख रुपया खर्च करके मशरूम उगाने का एक सेटअप लगाई थी. उन्होंने मेहनत, लगन और समर्पण से खुद को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने मशरूम की खेती का प्रशिक्षण भी लिया था. अब उन्हें कुल लागत से दोगुना लाभ होता है.
उनकी सफलता ने महिलाओं के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाई है। उनकी कहानी साहस और परिश्रम का प्रतीक है जो हमें सिखाती है कि किसी भी मुश्किल में भी हमें हार नहीं माननी चाहिए। माया कहती हैं कि महिलाएं अगर ठान लें, तो कुछ भी कर सकती हैं। उनकी कहानी सामाजिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण संदेश देती है।