सफलता तभी मिलती है जब आप सफलता के लिए उसके पीछे लगे रहते है. जो लोग बीच में ही छोड़ कर रुक जाते है वे कभी सफल नहीं हो पाते है. लेकिन सच्ची लगन से कड़ी मेहनत करने पर यक़ीनन वही प्राप्त होता है जो आप चाहते है. आपकी परिस्थिति कैसी भी हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. बस आपको उस काम को करते रहना है. 24 वर्षीय निलेश के कहानी की कुछ वैसी है.

मध्य प्रदेश का एक आम सा गांव ईशपुर उस वक्त खास हो गया था जब इस गांव के एक 24 वर्षीय बालक ने UPSC की परीक्षा में सफलता पा कर IAS अधिकारी बन गया था. लोग इस गांव को जानते न थे. लेकिन अचानक पुरे मध्य प्रदेश में इस ईशपुर को सब जान गया था. नीलेश अहिरवार के घर की परिस्थिति से कोई यह नहीं कह सकता था की इस घर का लड़का अधिकारी भी बन सकता है. लेकिन  नीलेश अहिरवार ने अपने माँ और पिता के सपने को पूरा कर दिया था.

 नीलेश अहिरवार को UPSC में 916 रैंक प्राप्त हुआ था. गांव में उनका मात्र दो कमरे का घर है. देखा जाये तो वह एक कच्चा घर है. जो गांव में खपरैल का होता है. पिता राज मिस्त्री है. माँ गृहणी है. ऐसे परिस्थिति से निकलकर निलेश ने अधिकारी बन कर यह साबित कर दिया की सच्ची लगन के आगे किस्मत को भी झुकना होता है. उनकी सफलता की पीछे उनकी माँ का बड़ा योगदान रहा है.

निलेश की शुरुआती पढाई – लिखाई वहीँ गांव के प्राइमरी स्कूल से हुई है. उसके बाद तवानगर मॉडल स्कूल से उन्होंने 10 वीं और 12वीं की पढाई पूरी की. फिर उन्होंने ग्रेजुएशन बीटेक महात्मा गांधी ग्रामोद्योग यूनिवर्सिटी चित्रकूट से किया. जब वो ग्रेजुएशन कर रहे थे तभी से वे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए थे. उन्होंने काफी मेहनत किया लेकिन साल  2021 और 2022 में वो UPSC में फेल हो गए.

लेकिन उनकी मेहनत और माँ – पिता का आशीर्वाद रंग लाई. और तीसरे एटेम्पट में साल 2023 में उनको UPSC में 916 रैंक हासिल हुआ. अब वो एक IAS अधिकारी है. पूरा गांव को उनपर गर्व है.

Rishav Roy, a journalist with four years of expertise, excels in content writing, news analysis, and cutting-edge ground reporting. His commitment to delivering accurate and compelling stories sets him...