भारत में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षाएं असल मायने में ज्ञान का परीक्षण करती हैं. इसमें UPSC के परीक्षा में वही सफल हो सकता है जो खूब मेहनत से पढाई की है. जिसमे उपरी-उपरी पढाई कर लिया है वो इस परीक्षा को पास नहीं कर सकते है. क्योकि इस परीक्षा के तीन पडाव होने होने . प्रीलिम , मैन्स और इंटरव्यू. जिनका कांसेप्ट क्लियर नहीं है वो कही न कही आउट हो ही जायेंगे.

गोरखपुर के नौशीन के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा था. नौशीन पहले और दुसरे एटेम्पट में प्रीलिम को क्लियर कर लि थी लेकिन मैन्स में लटक गई. और सबसे ज्यादा दुःख तो तब हुआ तीसरा एटेम्पट में प्री भी नहीं निकला. लेकिन नौशीन अपनी पढाई जारी रखी. उन्होंने अपनी पढाई में और मेहनत किया. फिर जा कर चौथे एटेम्पट में उन्हें आल इंडिया 9 वां रैंक प्राप्त हुआ है.

नौशीन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली है. उनका घर मेडिकल कॉलेज रोड पर फत्तेपुर ईदगाह के पास है. उनकी शुरुआती शिक्षा रैम्‍पस (रत्‍ना मे‍मोरियल पब्लिक स्‍कूल) से ही है. उनके पिता का नाम अब्‍दुल कय्यूम और मां जेबा खातून है. जब माँ और पिता ने रिजल्ट के बारे में सबसे पहले सुना तो दोनों इस बात पर यकीं नहीं हुआ. दोनों के आँखों में आंसूं आ गए थे.

UPSC की परीक्षा क्लियर करने के बाद जब नौशीन से पूछा गया की वो कैसा महसूस कर रही है के जवाब म वो कहती है की “मुझे तो यकीन नहीं था की टॉप 10 में मेरा नाम आएगा. ये मेरे और मेरे परिवार के गर्व का क्षण है.” आगे वो बताती है की वो गरीबों की सेवा करना चाहती है साथ ही देश से गरीबी को हटाना चाहती है.

नौशीन कहती हैं कि उन्होंने चार अटेम्प्ट में यह सफलता हासिल की है। पहले दो अटेम्प्ट में उनका मेन्स नहीं हो पाया और तीसरे में प्रिलिम्स तक नहीं पहुंच पाए। इस वक्त वो डिप्रेशन में जाने लगी थी. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में अपने लक्ष्य को हासिल किया और आल इंडिया 9 वां रैंक प्राप्त किया।

Rishav Roy, a journalist with four years of expertise, excels in content writing, news analysis, and cutting-edge ground reporting. His commitment to delivering accurate and compelling stories sets him...