इंसान की इच्छाशक्ति में कोई सीमा नहीं होती है। बाधाएं आती रहती हैं, लेकिन उनसे लड़कर सफलता मिलती है। संप्रीति भट्टाचार्य एक सफल उदाहरण हैं। उन्हें स्कूल में फिजिक्स में फेल होने का अनुभव हुआ। उन्होंने 539 कंपनियों से रिजेक्शन मिला। फिर भी उन्होंने अपने सपने को पूरा किया। उन्होंने अमेरिका में इंजीनियरिंग पढ़ाई। फिर उन्होंने नासा में इंटर्नशिप की।
उन्होंने अपनी मेहनत और परिश्रम से सफलता प्राप्त की। उन्होंने अपने टीचर्स की बातों को नहीं माना। संप्रीति नेवियर नामक कंपनी की संस्थापिका हैं। उन्होंने एक अंतरिक्ष एजेंसी के साथ काम किया। उन्होंने अपनी मेहनत से करोड़ों रुपये जुटाए। उन्होंने एक उच्च स्तरीय बोट बनाई। उन्होंने अपनी क्षमताओं को साबित किया। उन्होंने एक व्यापार में सफलता हासिल की। उन्होंने अपनी सक्सेस स्टोरी को बड़े स्तर पर प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने
उत्साह और संघर्ष का परिणाम दिखाया। संप्रीति ने अपने अनुभवों से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने दुनिया भर में अपना नाम बनाया। उन्होंने परमाणु रिएक्टर का डिजाइन किया। उन्होंने फ्लाइट कंट्रोलर्स बनाए। उन्होंने उड़ने वाली बोट का निर्माण किया। उन्होंने अपने कार्य के माध्यम से अपनी पहचान बनाई। उन्होंने एक नई तकनीकी उपाय को साकार किया। उन्होंने बड़े संभावनाओं को अपने साथ किया। उन्होंने उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त की। उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदला।