जीवन में शिकायत करने से काम नहीं चलेगा. जो भी आपके पास है उसके ही बदौलत अपार सफलता प्राप्त की जा सकती है. बस आपको शुरू कर देना है. और तब तक करते रहना है जब तक की सफलता नहीं मिल जाती. आज की कहानी ऐसी ही एक दृष्टिबाधित युवती की जिन्होंने सिर्फ अपने परिश्रम के दम पर सफलता हासिल की है.

आयुषी की मां एक हाउसवाइफ हैं. आयुषी के पिता पंजाब में काम करते हैं। आयुषी ने UPSC की परीक्षा 2021 में दिया था. उन्होंने ने पुरे भारत में 48 वां रैंक प्राप्त किया था. यूपीएससी पास करने के बाद आयुषी ने मां को श्रेय दिया है।

उनकी मां एक वरिष्ठ नागरिक है. उनकी माँ ने आयुषी के UPSC की तैयारी में काफी सपोर्ट किया था. साथ में आयुषी की माँ नर्सिंग अधिकारी थीं. अब 2020 में सेवानिवृत्त हो चुकी है। आयुषी ने दृष्टिबाधित होने के बावजूद यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईएएस बनी।

यूपीएससी की परीक्षा को पास करने वाले छात्रों ने समाज में मिसाल खड़ी की है। आयुषी का नाम सबसे ऊपर लिखा जायेगा. उन्होंने शिक्षिका के रूप में करियर शुरू किया। उनकी परीक्षा को पांचवे प्रयास में पास किया। मां ने उन पर भरोसा जताया।

आयुषी ने यूपीएससी की तैयारी के लिए पांचवे प्रयास में परीक्षा पास की। पिछले चार बार में उन्हें असफलता का मुह देखना पड़ा. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दृष्टिबाधित होने के बावजूद 29 वर्षीय आयुषी डबास ने यूपीएससी 2021 पास किया।

Rishav Roy, a journalist with four years of expertise, excels in content writing, news analysis, and cutting-edge ground reporting. His commitment to delivering accurate and compelling stories sets him...