दिल्ली और नोएडा के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए बारापुला फ्लाईओवर परियोजना कई वर्ष पहले शुरू गई थी. दिल्ली एनसीआर (नॉएडा) को सिग्नल फ्री करने के लिए यहाँ पर 3 फ्लाईओवर प्रस्तावित हुए थे. जिसमे से दो तो बन गए और कई वर्ष पहले चालू हो भी गए . लेकिन बारापुला -3 का काम 2014 से अटका पड़ा था. अब बारापुला फ्लाईओवर का अंतिम चरण अब जल्द ही पूरा होने जा रहा है.
इस परियोजना का आखिरी फेज अब अपने अंतिम चरण में है यह हम इसलिए कर रहे है की जिन जमीन के दो टुकड़ों के लिए यह फ्लाईओवर का काम रुका पड़ा था अब उसको सुलझा लिया गया है. यह फ्लाईओवर बनने के बाद मयूर विहार से एम्स तक का सफर सिग्नल फ्री हो जाएगा. इस परियोजना की कुल लंबाई 9.5 किलोमीटर है.
बारापुला फ्लाईओवर-3 परियोजना
बारापुला फ्लाईओवर-3 परियोजना में तीन फ्लाईओवर का निर्माण होना था. जिनमें से फेज 1 और फेज 2 पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं. आखिरी फेज का काम अब तेज़ी से शुरू होने वाला है. क्योकि जो जमीन पर यह फ्लाईओवर ओवर बनने वाला था वह किसानो की जमीन थी. लेकिन अब अधिग्रहण कर लिया गया है.
- फेज 1: सराय काले खां से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम: 4 किलोमीटर लंबा 2010 में पूरा हुआ.
- फेज 2: 2 किलोमीटर का हिस्सा जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से आइएनए तक, 2015 में पूरा हुआ.
- फेज 3: 3.5 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनना बाकी है.
यह फ्लाईओवर मयूर विहार से शुरू होकर यमुना नदी पार करती हुई दिल्ली के सराय काले खां तक जाएगी. जिन जमीन के मुद्दे के कारण यह रुका हुआ था उसमे बारे में बात करे तो वो दो जमीन के टुकड़ों (709.9 स्क्वेयर मीटर और 459.2 स्क्वेयर मीटर) का है. लेकिन अब यह समस्या भी हल हो गई है.