सपने पूरे करने के लिए हौसला और कठिन परिश्रम की जरूरत होती है। सुदीप मैती ने पुरुषोत्तमपुर गांव से निकलकर यह साबित किया है। सुदीप का परिवार कच्चे झोंपड़ी में रहता है। उनके पिता बीमार हैं और काम नहीं कर पाते हैं। सुदीप ने अपने सपने की पढ़ाई नहीं छोड़ी। उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी से एमटेक किया है।
DRDO से नौकरी की ऑफर मिली है। सुदीप का सपना DRDO में काम करना था। उनकी सफलता माता-पिता को जाती है। उन्होंने गरीबी के काल में बचपन गुजारा। उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी तैयारी की। सुदीप की मां ने बीड़ी बनाने वाली फैक्ट्री में काम किया। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की। उन्होंने जिले के पॉलीटेक्निक कॉलेज से ग्रेजुएशन की।
सुदीप का सपना अब पूरा होने वाला है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो रही है। परिवार के लिए एक पक्का घर बनवाना सुदीप का सपना है। उनकी कहानी संघर्ष से सोने की तरह है। सुदीप की मेहनत और जज्बे को सलाम। उनकी कहानी से हमें सीख मिलती है कि हालातों के बावजूद सपनों को पूरा किया जा सकता है।