IAS Success Story: दोस्तों संघ लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता देश में सबसे मुश्किल प्रतियोगिता में से एक है. हर साल देश भर में करोड़ों लोग यह परीक्षा देते हैं. लेकिन कुछ लोग ही सफल हो पाते हैं. हां हम बात कर रहे हैं .आईएएस सविता प्रधान की.

जिनका जन्म मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के मंडी के एक आदिवासी परिवार में हुआ था.सविता(Savita Pradhan)पढ़ाई अपने गांव के विद्यालय से की थी. अपने गांव के विद्यालय से दसवीं पास करने वाली पहली छात्र थी. उनके माता-पिता के पास पैसे नहीं होने के कारण.जो विद्यालय में छात्रवृत्ति मिलता था. उसी से उनका पढ़ाई लिखाई चलता था.

दसवीं कक्षा खत्म करने के बाद सविता(Savita Pradhan) जिस विद्यालय में पढ़ने जाती थी. वह काफी दूर लगभग 7 किलोमीटर था. 7 किलोमीटर रोज पैदल जाती थी. पढ़ाई करते करते उनके लिए एक रहीस खानदान से रिश्ता आया. जहां उनकी शादी हो गई .सविताSavita Pradhan) के शादी हो जाने के बाद उनकी लाइफ खराब हो गई.

ससुराल वाले उनके साथ गलत व्यवहार करते थे .उन पर उन लोगों ने कई तरह की रोक लगा दी थी. सबके साथ खाना खा पी नहीं सकती थी. हंस खेल नहीं सकती थी. सविता Savita Pradhan)के पति भी उनका साथ नहीं देता. और वो भी बहुत मारता पीटता था. एक बार तो सविता(Savita Pradhan) ने फांसी लगाने का सोच रही थी .और लगा रही थी.फिर सास ने देख लिया फिर भी उसने सविता को नहीं रोका.

सविता(Savita Pradhan) के पास दो बच्चे थे.इस सबको देखते हुए सविता Savita Pradhan)ने ससुराल छोड़ दिया. और साथ में अपने बच्चे को भी ले आई. मायके आकर सविता ने एक पार्लर में काम पकड़ लिया. और पढ़ाई शुरू कर दी. इंदौर यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से मास्टर्स किया. फिर सविताSavita Pradhan) ने प्रथम कोशिश में यूपीएससी क्लियर कर लिया. 4 महीने के बच्चों को लेकर काम पर जाती थी. सविता प्रधान ने अपने ससुराल को बहुत बेहतर उत्तर दिया..

Rishav Roy, a journalist with four years of expertise, excels in content writing, news analysis, and cutting-edge ground reporting. His commitment to delivering accurate and compelling stories sets him...