मुजफ्फरपुर जिले के शिवदासपुर गांव में जन्मे मुकेश कुमार की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उनके पिता का सपना था कि उनका बेटा पढ़े-लिखे और उच्च शिक्षा हासिल करे। मुकेश का बचपन बहुत कठिन था। उनके गांव में न तो बिजली थी और न ही सड़कें। उनका परिवार गरीबी की शिकार था, लेकिन मुकेश ने कभी हार नहीं मानी।
उनके पिता ने उन्हें गांव के सरकारी स्कूल में भेजा, लेकिन पढ़ाई की सामग्री की कमी के चलते वह उधार से पढ़ते थे। जब वह बड़े हुए तो उनके पिता को लगा कि अगर उन्हें शहर में पढ़ाई करने दिया जाए, तो शायद उनकी किस्मत बदल सके।
धैर्य और मेहनत से भरे मुकेश के सपने ने उन्हें उच्चतम शिक्षा की ओर ले जाया। उन्होंने दिल्ली आकर मजदूरी की और अपने सपनों की पूर्ति के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी।
मुकेश की मेहनत और उनके सपनों की मिलीभगत ने उन्हें अच्छे दिनों की ओर ले जाया। आज वह एक सफल व्यवसायी हैं और उन्हें समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, संघर्ष और सपनों को पूरा करने की इच्छाशक्ति किसी भी समस्या को परास्त कर सकती है।