दोस्तों अगर कोई भी इंसान अगर किसी काम को पूरी मेहनत और इमानदारी के साथ करता है. तो उस काम में उस इंसान को निश्चित ही सफलता मिलती है. सागर जिले की खुरई से जुड़ी एक प्रेरणादायक कहानी इस बात की गवाह है. यहां एक मजदूर की बेटी मनीषा साहू ने अपने पिता के सपनों को साकार किया है. उसने कठिन मेहनत करके पढ़ाई की और सीआरपीएफ में चयनित होकर अपने परिवार का नाम रोशन किया है. आइये जानते है इनकी सफलता के बारे में…
जानकारी के मुताबिक मनीषा के पिता दिनेश साहू खिमलासा गांव के निवासी हैं. बता दे कि उन्होंने अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देने के लिए गांव छोड़कर खुरई नगर में बसने का निर्णय लिया. मजदूरी और बेलदारी करके उन्होंने अपने परिवार का भरण-पोषण किया. मजदुर दिनेश की मेहनत ने उनके बच्चों को प्रेरित किया.
मनीषा ने ग्रेजुएशन के की पढाई करने के बाद चार सालो तक खुद से पढाई (सेल्फ स्टडी) की. इसके बाद मनीषा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की. और पहले एसएससी जीडी का फॉर्म भरा. बता दे कि जब उसे सीआरपीएफ में मौका मिला. तो उसने फिजिकल ट्रेनिंग के लिए आर्मी से रिटायर्ड कमांडो मनोज राय से मदद ली.
वही आपको बता दे कि मनीषा ने अपनी मेहनत और लगन से सभी परीक्षाएं पास कीं. और पिछले साल केरल में बेसिक प्रशिक्षण लिया. अब उसकी पोस्टिंग 240 महिला बटालियन में हुई है.जब मनीषा पहली बार वर्दी में अपने पिता के सामने आई तो उनके पिता दिनेश की आंखों में आंसू थे. वह गर्व से कह रहे थे. की 20 साल पहले जब मैं खुरई आया था. तब मैं मजदूरी करता था. अब मेरी बेटी ने सफलता पाई है. और इस सफलता से उन्हें बहुत ख़ुशी हुई है.