लोग अक्सर कहते हैं कि अगर ठान लिया तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. रायबरेली के शरद दीक्षित की कहानी भी ऐसे ही है. बता दे कि शरद दीक्षित ने लखनऊ की एक कॉस्मेटिक कंपनी में सेल्स मैनेजर के रूप में काम किया. लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा और उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने गांव लौटने का निर्णय लिया.

गांव लौटने के बाद शरद ने पशुपालन का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया. उन्होंने पशुपालन विभाग से सलाह ली और कारोबार शुरू किया. आज शरद के पास उच्च गुणवत्ता की गायों और भैंसों की नस्लें हैं. जो उन्हें दूध उत्पादन में सहायक हैं. उनके पास गिर, शाहीवाल, एचएफ, और राठी जैसी अनेकों नस्ल की गायें हैं.

हर दिन शरद की गायें और भैंसें मिलकर लगभग 180 से 200 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं. इस दूध की बिक्री से वह सालाना 8 से 10 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. इसके अलावा पशुपालन से उन्हें एक और फायदा होता है. वे पशुओं के गोबर को भी जमा कर बेचते हैं.

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