दोस्तों एक युग था जब लोग कहते थे की पढ़ लिख लो नही तो खेती करनी पड़ेगी. किन्तु आज के युग में अनेकों लोग पढ़ लिख कर नौकरी को छोड़ते हुए खेती बारी का काम करते है. ऐसे ही कहानी है विनोद कुमावत भारती की. आइये जानते है इनके बारे में…
जानकारी के अनुसार विनोद कुमावत भारती राजस्थान के सीकर के निवासी है. आपको बता दे कि विनोद कंप्यूटर टीचर होते हुए भी मोती की खेती शुरू किये. और लाखों रूपए की कमाई कर रहे है. हालंकि उनका यह सफ़र इतना आसान नही था.
बता दे कि विनोद कुमावत भारती मोती की खेती करने से पूर्व छात्रों को कंप्यूटर ट्रेनिंग देते थे. और वह अपनी भी एक कंप्यूटर अकेडमी चलाते थे. कुछ दिनों के बाद बच्चे की कमी के वजह से उन्हें अपना कंप्यूटर अकेडमी बंद करना पड़ा.
कंप्यूटर अकेडमी बंद होने के बाद विनोद कुमावत भारती बेरोजगार हो गये. बेरोजगार होने के बाद विनोद कुमावत भारती के मन में मोती की खेती करने का ख्याल आया. और वह मोती की खेती करने की तैयारी करने लगे. बता दे कि उन्होंने 50,000 से 75,000 रुपये खेती में निवेश किया और अच्छी खासी कमाई की.