यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. हर साल लाखों युवा इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं. लेकिन केवल कुछ ही भाग्यशाली उम्मीदवार आईएएस (IAS) आईपीएस (IPS) और आईएफएस (IFS) जैसी उच्च प्रोफाइल सेवाओं में सफल हो पाते हैं. इनमें से एक प्रेरणादायक कहानी है आईएएस मनुज जिंदल की. जिन्होंने कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद अपनी मंजिल हासिल की. आइये जानते है इसकी सफलता के बारे में…
जानकारी के मुताबिक मनुज जिंदल महाराष्ट्र कैडर के 2017 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एनडीए (NDA) कैडेट के रूप में की. जहाँ उन्होंने ऑल इंडिया 18वीं रैंक प्राप्त की. गाजियाबाद के निवासी मनुज ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के एक स्कूल से पूरी की. और 18 वर्ष की उम्र में एनडीए परीक्षा उत्तीर्ण की.
शुरुआती प्रशिक्षण के दौरान उनकी सफलता के बावजूद वे दूसरे कार्यकाल में गंभीर एंग्जायटी और डिप्रेशन से जूझने लगे. इस स्थिति के कारण अकादमी ने उन्हें पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया. इसके बाद मनुज विदेश जाकर वर्जीनिया यूनिवर्सिटी से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की. बाद में बार्कलेज से एक प्रस्ताव प्राप्त करने के बाद उन्होंने वहाँ तीन साल तक काम किया.
लेकिन भारत लौटकर उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. और तैयारी शुरू की. मनुज अपने पहले प्रयास में वे प्रीलिम्स और मेन परीक्षा पास करने में सफल रहे. लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका सिलेक्शन नही हो पाया. इसके बाद दूसरी प्रयास में भी उन्हें सफलता नही मिली. दूसरी प्रयास में भी असफलता मिलने के बाद मनुज बिना हार माने तीसरी प्रयास में पुरे देश में 53वीं रैंक हासिल कर आईएएस बन गये.